5 Simple Statements About treatment piles cure in 3 days Explained

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अर्जुन की छाल का काढ़ा बवासीर में खून आने को रोकने के लिए प्रभावी है।

स्टूल गुआएक टेस्ट : इसमें मल के नमूने का विश्लेषण किया जाता है रक्त के किसी भी निशान का पता लगाने के लिए मल के नमूने का विश्लेषण किया जाता है।

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अगर एक बार ये हो जाए, तो बार बार यह परेशान कर सकती है. ऐसे में अगर आप इससे छुटकारा चाहते हैं तो बातों को ध्‍यान में रखना जरूरी है. पुणे के कोलोरेक्टल डिज़ीज़ स्पेशलिस्ट डॉ. सम्राट जांकर बताते हैं कि पाइल्स में राहत पाने और सूजन कम करने के लिए कई घरेलू उपाय हैं जो कारगर साबित हो सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इन उन उपायों के बारे में.

अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे या खून आना बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है.

इस स्थिति में पीड़ित को दर्द महसूस नहीं होता।

मस्सों को साफ और सूखा रखें, हर मल त्याग के बाद अच्छे से गुदा की सफाई करें।

बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।

गेहूं, ब्राउन राइस, दलिया, चोकर आदि जैसे आहार फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मल को नरम रखने में मदद मिल सकती है और मलत्याग को आसान बना सकता है

डॉ. सम्राट जांकर कहते हैं कि पाइल्स से बचाव के लिए टॉयलेट में ज़्यादा देर तक न बैठें, मल त्याग के दौरान ज़्यादा ज़ोर न लगाएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.

इन लक्षणों को बिल्कुल check here भी नजरंदाज ना करें। जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर पाइल्स का इलाज कराएं।

कम्प्यूटराइज्ड एग्जामिनेशन: कम्प्यूटर की मदद से रेक्टल एग्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर मलाशय (रेक्टम) में एक दस्तानेयुक्त, नमीयुक्त उंगली को एम्बेड करते हैं और असामान्य गांठ का पता लगाते हैं। यह प्रक्रिया आंतरिक बवासीर की जांच के लिए की जाती है। आंतरिक बवासीर को आमतौर पर महसूस नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में अगर मरीज को अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर रेक्टम जांच को रोक देते हैं।

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मोटापा: पेट बढ़ने के कारण गुदा की मांसपेशियों में दबाव बढ़ता है। इससे बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।

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